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Mohleena (Kavitayen): मोहलीना (कवितायेँ)
Mohan Dubey
(Autor)
·
Diamond Books
· Tapa Blanda
Mohleena (Kavitayen): मोहलीना (कवितायेँ) - Dubey, Mohan
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Reseña del libro "Mohleena (Kavitayen): मोहलीना (कवितायेँ)"
बहुधा, जीवन यात्रा में हम अपने आधार अथवा यूँ कहें कि अपने अर्धांग अथवा अर्धांगिनी को समुचित रूप से वह प्राथमिकता नहीं प्रदान करतें हैं जो कि अपेक्षित है एवं एक बार ईश्वरीय विधान के अनुरूप उसके प्रस्थान के पश्चात् वह मात्र स्मृति शेष स्वरुप में ही रह जाता है और रह जातें हैं हम अपनी गैर प्राथमिकताओं के साथ शेष जीवन निर्वहन के लिए और तब यह अनुभव होता है कि हमारा अस्तित्व भी उसी आत्मा के त्याग का परिणाम हैं। यह काव्य यात्रा वस्तुतः इसी क्रम में एक समर्पण है, अपने खो चुके आधार के प्रति।। पुनश्च, इस काव्य यात्रा में, समाज के कुछ ऐसे अनुभवों को भी समाहित किया गया है, जोकि हमारे हृदय एवं मन मस्तिष्क पर अपना प्रभाव डालते हैं एवं इस प्रयास में मन को भी समझने की चेष्टा भी समाहित है। आशा है कि यह काव्य यात्रा आपके मन मस्तिष्क को छू कर कुछ सन्देश दे पाए।
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El libro está escrito en Hindi.
La encuadernación de esta edición es Tapa Blanda.
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